
मानसिक तनाब के कारण ब्रेनहेम्ब्रेज होने से उपचार के अभाव में हुई शिक्षामित्र पोहप सिंह की असमय मृत्यु
शिक्षामित्रों में छायी शोक की लहर,शासन,प्रशासन की सम्वेदन हीनता से जा रही शिक्षामित्रों की जान : वीरेन्द्र छौंकर
आगरा । ताजनगरी आगरा में आज 9 /3/2024 को प्राथमिक विद्यालय डाढ़की विकास खंड सैंया जनपद आगरा में कार्यरत शिक्षामित्र पोहप सिंह 48 वर्ष ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। शिक्षामित्र साथी पोहप सिंह की असमय मृत्यु की खबर सुनकर शिक्षामित्रों में शोक की लहर दौड़ गयी। परिजनों ने बताता कि अभी एक सप्ताह पूर्व अचानक से तबियत खराब होने पर इलाज के लिए आगरा लेकर गए तो डॉक्टरों ने जाँच के बाद बताया कि इन्हें ब्रेनहेम्ब्रेज हुआ है और जयपुर रैफर कर दिया गया। परिजन उपचार के लिए जयपुर ले गए थे परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर के कारण जहाँ उपचार के दौरान आज रात सुबह 3 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतक पोहप सिंह सन् 2005 में प्राथमिक विद्यालय डाढ़की विकासखंड सैंया में शिक्षामित्र बने थे और 2014 में सहायक अध्यापक के पद पर उनका समायोजन प्राथमिक विद्यालय मनसुखपुरा विकासखंड पिनाहट में हुआ था 2017 में माननीय सुप्रीम कोर्ट से समायोजन निरस्त होने के बाद पुनः मूल विद्यालय डाढकी में शिक्षण कार्य कर रहे थे। वो अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्र तथा दो बेटियों को छोड़ गए हैं। परिजनों के मुताबिक पिछले कुछ समय से तनाब में थे बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगा दी गयी थी उन्होंने तबियत ठीक न होने की वजह से बोर्ड परीक्षा ड्यूटी करने से मना भी किया लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारी सैंया ने ड्यूटी करने के लिए दबाब बनाया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया डराया धमकाया। बीमार होने पर तनाव के चलते हुए भी बोर्ड परीक्षा ड्यूटी में घर से काफी दूर जाना पड़ता था और यही कहते थे कि इतने कम पैसे से घर का गुजारा कैसे चले रोजाना आने जाने में 200 रुपया पैट्रोल में खर्च हो जाता है नोकरी करूं या ड्यूटी करूं या परिवार के गुजारे के लिए मेहनत मजदूरी करूं। इस समय फसल कटाई खुदाई का समय चल रहा है मेहनत मजदूरी का काम भी मिल जाता है सुबह शाम स्कूल टाइम के बाद मेहनत मजदूरी का काम भी कर लेते थे लेकिन सुबह शाम की बोर्ड परीक्षा ड्यूटी की वजह से मजदूरी भी नहीं कर पाते थे। साथ ही सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा से आहत थे। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह छौंकर ने पोहप सिंह की मृत्यु का जिम्मेदार शासन व प्रशासन को ठहराते हुए सरकार पर संवेदनहीनता व वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। सरकार ने पिछले सात साल से शिक्षामित्रों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की है प्रतिमाह मिलने वाला अल्प मानदेय भी कभी समय से नहीं मिलता है। सरकार ने कमैटी तो गठित कर दी है लेकिन कागजों में ही घोड़े दौड़ रहे हैं चुनावी वर्ष में शिक्षामित्र सरकार से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन सरकार के रवैया को देखते हुए उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है यही कारण है शिक्षामित्र अपने भविष्य की चिंता में आर्थिक तंगी व मानसिक तनाव के कारण एक एक कर असमय ही दम तोड़ते जा रहे हैं । हमारी सरकार से माँग है मृतक पोहप सिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आर्थिक मदद तथा आश्रित को सरकारी सेवा में समायोजित किया जाए जिससे परिवार का भरण पोषण हो सके। शिक्षामित्र संघ सैंया के ब्लॉक अध्यक्ष जयसिंह धाकरे,चंद्रकांत, राजेश,प्रेम सिंह चौहान, सुरेन्द्र पाल,रामसिंह, रामदास,भानु सहित दर्जनों की संख्या में शिक्षामित्र अंतिम संस्कार में सम्मिलित रहे। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ साथी पोहप सिंह की असमय मृत्यु पर गहरा दुःख ब्यक्त करते हुए शोकसंतृप्त परिवार के प्रति अपनी आत्मीय सम्वेदना ब्यक्त करता है।
