छेड़छाड़ से आहत युवती ने की आत्महत्या, पुलिस कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
जगनेर क्षेत्र में छेड़छाड़ पीड़िता की आत्महत्या के बाद परिजनों ने पुलिस पर सवाल उठाए। मृतका के पिता का कहना था कि अगर पुलिस आरोपित पर कार्रवाई करती तो उनकी बेटी की जान बच सकती थी।
आगरा के जगनेर के गांव में युवती की आत्महत्या को लेकर उसके घरवाले काफी आक्रोशित है। वे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल लगा खड़े कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने आरोपितों पर कार्रवाई की होती तो बेटी की जान बच सकती थी। घटना के बाद पुलिस के पहुंचने पर ग्रामीणों ने एक घंटे तक शव को नहीं उठने दिया। आपको बता दें जगनेर क्षेत्र में छेड़छाड़ पीड़िता की आत्महत्या के बाद परिजनों ने पुलिस पर सवाल उठाए। मृतका के पिता का कहना था कि अगर पुलिस आरोपित पर कार्रवाई करती तो उनकी बेटी की जान बच सकती थी। उन्होंने इसके लिए एसीपी आफिस में जाकर शिकायत की थी। इसके बाद भी पुलिस हरकत में नहीं आई। शनिवार को पीड़िता के आत्महत्या करने के बाद गुस्साए स्वजन ने पुलिस को एक घंटे तक शव भी नहीं उठाने दिया। वे पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगा रहे हैं।
युवती के पिता का कहना है कि 24 फरवरी को उनकी बेटी से छेड़छाड़ हुई थी। पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद बयान दर्ज करा दिए। मगर, आरोपित को नहीं पकड़ा। उसे अपने पक्ष में साक्ष्य जुटाने का पूरा मौका व दिया। स्कूल से जारी ट्रांसफर स सर्टिफिकेट के आधार पर अ पुलिस ने आरोपित को नाबालिग मान लिया। इसके बाद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई न होने से आरोपित पक्ष का हिम्मत बढ़ती चली गई। वे उन पर समझौते को दबाव बना रहे थे। तीन दिन पहले वे इसकी शिकायत करने खेरागढ़ में एसीपी ऑफिस गए। इसके बावजूद भी थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस नाबालिग और 7 साल से कम सजा वाली धारा बताकर कार्रवाई करने से बचती रही।
समझौते के लिए दबाव बना रहा था आरोपित पक्ष
पीड़िता के पिता दिव्यांग हैं। बेटी की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। उनका आरोप है कि पुलिस ने आरोपित के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी। आरोपित पक्ष समझौते का दबाव बना रहा था। धमकी दी थी। जानकारी पर बेटी आहत हो गई। और खुदकुशी कर लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फंदे से युवती का शव उतारा। साथ ही मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला। घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। युवती पक्ष ने आरोपित को बालिग बताया है। आरोपित पक्ष ने उसे नाबालिग बताया। मृतका के परिजनों का आरोप है कि आखिर पुलिस ने किस आधार पर यह मान लिया कि आरोपित नाबालिग है। खंदौली में एक घटना के चलते पहले से माहौल गर्माया हुआ था।
पुलिस की लापरवाही की जांच होगी
पुलिस के अनुसार, इसमें छेड़छाड़ की घटना से आहत होकर आत्महत्या करना स्पष्ट नहीं लिखा है। वहीं परिजनों का कहना है कि बेटी के जिंदा होने से पहले पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। अब बचने को इसके आधार बना रही है। बेटी घटना के बाद से परेशान थी वह परिजनों से ठीक से बात भी नहीं कर रही थी। डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार का कहना है कि आरोपित के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी। इस मामले में थाना पुलिस की लापरवाही की जांच कराई जाएगी। युवती ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके कारण समाज में परिवार का अपमान हुआ है।