उसका बाजार सिद्धार्थनगर।महिलाएं अब घर में अपने चूल्हे चौके तक ही सीमित नहीं हैं।स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अर्थोंपार्जन के लिए विभिन्न क्षेत्रों मे बेहतरीन कार्य कर रही हैँ। इससे वह न केवल अपने व्यर्थ समय को उत्पादक बना रही हैँ बल्कि प्रधानमंत्री जी की लखपति दीदी मिशन के उड़ान को पँख लगाने का काम भी कर रही हैं |गौरतलब है कि जनपद भर मे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सिद्धार्थनगर जिले मे कुल 12135 समूहों के माध्यम से लाखों महिलाओं को अपने हुनर का कौशल को निखारते हुए आजीविका और उनकी आय को सुदृढ़ बनाने का काम चल रहा हैं | इस कड़ी मे देश की अग्रणी संस्था नाबार्ड भी हस्तगत सहयोग के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों को तकनीकी प्रशिक्षण एवं एकस्पोजर देते हुए बाजार व्यवस्था प्रदान करने की दिशा मे महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है |
हाल ही मे नाबार्ड द्वारा गौतम बुद्ध जागृति सोसाइटी ,सिद्धार्थ नगर के माध्यम से जिले के लोटन, जोगिया और नौगढ़ ब्लॉक की 90 महिलाओं को सिलाई कटाई का व्यवसायिक प्रशिक्षण, रिफ्रेशर प्रशिक्षण कराकर सिलाई केंद्र इकाई संचालित किया गया है। जिसमें महिलाओं को बाजार प्रबंधन के गुर, कौशल सिखाया गया |इसका मात्र एक उद्देश्य समुदाय की महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना था। इसी क्रम में लोटन ब्लॉक के 12 महिलाओ द्वारा पूजा प्रेरणा सिलाई केंद्र की स्थापना कर उपरोक्त उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम हुई है।यहां प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा लेडीज गारमेंट्स सिलने के अलावा लड़कियों को कटाई और सिलाई में व्यावहारिक कौशल प्रदान प्राप्त कर प्रशिक्षित हो रही हैं। यह पहल आत्मनिर्भरता और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए बेहद सहायक सिद्ध हो रहा है।
केंद्र पर कटाई और सिलाई में प्रशिक्षण से, लड़कियों / महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने और अपने समुदायों के समग्र विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बन रही हैं।यहां ही कौशल विकास रोजगार के अवसर दिलाने में सहायक होते हैं सिलाई केंद्र के पाठ्यक्रम में कटाई, सिलाई और परिधान कई लोगो की सामाजिक-आर्थिक बाधाओं को तोड़ते हुए परिधान उद्योग में उन्हें बेहतर कुछ कर दिखाने का मौका दे रहे हैं।इनमे तकरीबन आधे दर्जन स्वयं सहायता समूहों की आय इतनी अच्छी हो गई है कि वह स्वयं आत्मनिर्भर होकर पूरे परिवार का भरण पोषण की जिम्मेदारी निर्वहन कर रही हैं। नौगढ़ ब्लॉक की विष्णु, निर्मला और शिमला आजीविका स्वयं सहायता समूह,जोगिया ब्लॉक की खुशी ,गणेश एवम कुमकुम आजीविका स्वयं सहायता तथा लोटन ब्लॉक चमेली,शिव आजीविका स्वयं सहायता समूहों की जमीनी हकीकत जानने पहुंची टीम से महिलाओं ने बताया कि इनकी औसत आमदनी 300 से 500 के बीच प्रतिदिन हो जाती है।ऐसे में लिए यदि घरेलू महिलाएं भी अपने अंदर निहित ऊर्जा और घरेलू काम काज से उबरने वाले समय का सकारात्मक प्रयोग करें तो वह दिन दूर नही जब देश में नारी सशक्तिकरण के साथ आत्मनिर्भर भारत का सपना धरातल पर शत प्रतिशत साकार हो जायेगा।
September 19, 2024