मुस्लिम क्षेत्र में 125 वर्षों से होलिका दहन- हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक
शहर मथुरा के डीग गेट क्षेत्र के मेवाती मोहल्ले में हिंदू मुस्लिम भाईचारे के साथ होलिका दहन किए जाने की मिसाल सामने आती रही है। मरहूम मौलाना हप्पन घर के पास यानी पत्रकार(कफील क़ुरैशी) के घर के नीचे 125 वर्षो से होली के त्योहार पर होलिका दहन की प्रथा चली आ रही है। 125 वर्षों से होलिका दहन किए जाने के संबंध में क्षेत्र के हिंदू मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्तियों से जानकारी ली गई तो बताया कि इस क्षेत्र में करीब 40 वर्ष पहले तक काफी हिन्दू परिवार रहते थे। समय बीतता गया हिन्दू परिवार यहाँ से अपने-अपने घर बेचकर जाते रहे। और मुस्लिम परिवार यहां आकर बसते रहे। आज देखा जाए तो मेवाती मोहल्ला मुस्लिम इलाका बन चुका है। इसके बावजूद भी यहां कुछ हिंदू परिवार यहां बड़े ही सुकून से रहते हैं। और हिंदू मुस्लिम त्योहारों को बड़े ही प्रेम और शांति भाव भाईचारे के साथ मानते हैं। आगे बताया कि हमारे पूर्वज बताते थे कि मेवाती मोहल्ले की गली आहेरियांन में होली के त्यौहार पर होलिका दहन की प्रथा का इतिहास लगभग 80 वर्षों से पुराना है।
पिछले वर्षों की तरह आज भी होली के त्योहार पर गली आहेरियांन में रहने वाले हिंदू मुस्लिम दोनों जाति के लोग होलिका दहन की सामग्री के लिए चंदा इकठ्ठा कर बड़े ही प्रेम एवं शांति भाव भाईचारे के साथ होलिका दहन करते चले आ रहे है। इस होलिका दहन को लेकर मुस्लिम समाज मे किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नही होती। बल्कि मुस्लिम जाति के लोग यह कहते हैं कि ये हमारे पूर्वजों की निशानी है। और इस होलिका दहन से हमें बहुत खुशी महसूस होती है। कल धूल वाले दिन हिंदू मुस्लिम के युवा नौजवान मिलकर होली खेलेंगे, बल्कि होली खेलते आ रहे हैं। मेवाती मोहल्ले की गली अहेरियांन में जितने भी हिंदू परिवार लोग हैं। एक दूसरे की जाति को लेकर किसी प्रकार की कोई परेशानी नही है। और आगे भविष्य में भी नहीं होगी। हम एक दूसरे के परिवार में हुई शादियों के सारे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। हिंदू मुस्लिम भाईचारे को लेकर गली आहेरियांन की यही पहचान है।