सिद्धार्थनगर। नगर निकाय के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी में भारी पैमाने पर हो रही बगावत को मिल रही है ज़िला संगठन को हिला कर रख दिया है। बगावत का स्वरूप क ईतनी व्यापकता है कि डैमेज कंट्रोल के लाख लाख प्रयास के बाद भी कोई असर नज़र नहीं आता दिख रहा है। फिलहाल इतने बड़े पैमाने पर हो रही बगावत को कैसे रोका जाये, ये सवाल पार्टी नेताओं को बहुत परेशान कर रहा है।
सिद्धार्थनगर नगर पालिका से भाजपा से बगावत कर चुनाव में उतरने वाले निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल सहित एमएलसी प्रतिनिधि राजू सिंह निर्दल, राकेश त्रिपाठी बसपा से, मणिकांत शुक्ल ने निर्दल उम्मीदवार के रूप में नामांकन पूरी दमदारी इसे दाखिल किया है। इनमे निवर्तमान अध्यक्ष श्यामबिहारी ने बेशुमार पैसे भी खर्च का डाले, मगर टिकट भाजपा ज़िला अध्यक्ष गोविन्द माधव को मिला। इससे दुखी होकर श्याम विहारी जायसवाल ने निर्दल पर्चा भरा। उनका कहना है की वे पिछले चुनाव के बिजेता थे, उनका टिकट काटना अन्याय है। वे इसके बिरोध स्वरूप चुनाव लड़ेंगे। अन्य बागी उम्मीदवारों का कहना है कि पार्टी ने वर्करों के हक़ पर डाका डाला है लिहाजा वह भाजपा को कभी माफ न करेंगे और हर हालत में वह, चुनाव लड़ेंगे।
इसी प्रकार नगर पंचायत इटवा से भाजपा से बगावत कर अनिल कुमार जायसवाल, माया, सीताराम उपाध्याय ने निर्दल नामांकन किया है। अनिल कस्बे के एक प्रभावशाली परिवार से ताल्लुक रखते हैं। व्यापारियों पर उस परिवार का बहुत प्रभाव भी है। मगर चर्चा है कि भाजपा के एक बड़े नेता ने अपने चहेते को टिकट दिला कर अपने निजी स्वार्थ पर पार्टी के हित की बलि चढ़ा दी। इटवा में भी डैमेज कंट्रोल की कोशिशें अभी तक नाकाम हैं।
इटवा विधान सभा की दूसरी नगर पंचायत बिस्कोहर से भाजपा के बागी हनुमत निवास पाठक, सुधीर कुमार तिवारी, संजय सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। यहां भी टिकट वितरण में उसी नेता के। हसतक्षेप के कारण लोगो में नाराज़ी है। जिसके चलते इतनी बड़ी बगावत सामने आई हुई है। यह डैमेज कंट्रोल के प्रयास जारी हैं, मगर लगता नहीं कि सफलता मिल पाएगी
जिले के नगर पालिका बांसी में भाजपा से बागी ज्योति साहू ने बसपा दामन थाम कर नामांकन किया है। साथ ही भाजपा की बागी नीलम मौर्या ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। , यहां भी लोगों में नाराज़ी कम नहीं है। इसी प्रकार नगर पंचायत बर्डपुर रिजर्ब सीट से पूर्व विधायक स्व रामरेखा यादव के पुत्र ओम प्रकाश यादव की उपेक्षा कर एक हल्के उम्मीदवार को टिकट दिया गया। नतीजे में उन्होंने अपना उम्मीदवार उतार दिया। डुमरियागंज नगर पंचायत से भाजपा के बागी उम्मीदवार श्याम सुंदर अग्रहरि मैदान में उतरे है।
कुल मिला कर भाजपा में बगावत ने पार्टी को बुरी तरह से परेशान कर रखा है। भाजपा इससे कैसे निपटेगी यह देखना दिलचस्प होगा। वैसे पार्टी के जिला मंत्री फतेबहादुर सिंह का कहना है कि भाजपा बड़ी पार्टी है। ऐसे में यह सब शुरू में होता है लेकिन भाजपा कैडर बेस अनुशासित पार्टी भी है, इसलिए नाम वापसी तक अधिकांश नामांकन वापस हो जाएंगे और भाजपा ज़िले की सभी निकाय सीटें जीतेगी।