हैवीवेट मशीनरी से मानकों विपरीत जारी खनन।
बरियारी, मरौली, बेंदा व साड़ी(60) खदानों को मिली खनिज लूट की छूट।
बांदा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लाल सोने की लूट में शक्तिशाली खनन माफिया मरौली खण्ड पांच बरियारी बेँदा साँडी (60) में अवैध खनन में महारत हासिल किए हुए है। इन खण्डो में रसूख और जिम्मेदारों की सेटिंग के चलते रोजाना लाखों रूपये के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। शक्तिशाली हैवीवेट मशीनें एक ओर जहां केन नदी व यमुना का सीना दिन रात चीर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर खदान में सैकड़ों ओवरलोड ट्रक भी फर्राटा भरते नजर आ रह हैं। सूत्रों की माने तो शक्तिशाली व्यक्तियो के रसूख और खनन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में सरकार के राजस्व की चोरी खुलेआम हो रही है। अंदर खाने तो यह खबर निकल कर आ रही है कि खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने अपनी बोली लगाकर पूरा मामला सेट कर रखा है। तभी लगातार खनन के समाचार प्रकाशित होने के बाद भी खदानो के अवैध खनन के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। बताते चलें कि अबैध खनन व ओवरलोडिंग की रोकथाम के लिए खनन नियमों में संशोधन कर इनकी निगरानी में हाई-फाई पी जेड कैमरे, धर्मकांटा व अन्य नियम कानून लागू किए। लेकिन उनका पालन खाली कागजों में सीमित रह गया। उसके उलट धरातल पर सभी नियम-कानून हवा हवाई साबित हो रहें हैं। जिसमें मुख्य भूमिका अदा करने वाले खनिज विभाग, परिवहन विभाग व राजस्व विभाग ने अपने कर्तव्य को खनन कारोबारियो के पास गिरवी रख कर सभी दावों की हवा निकाल दी है। जैसा वर्तमान समय में देखने को मिल रहा है। एक अप्रत्यक्ष सिंडीकेट कुछ चुनिंदा पट्टाधारकों संचालकों व खनिज अधिकारी का जनपद में संचालित है । वर्तमान समय में सदर तहसील की मरौली खण्ड पांच व नरैनी तहसील के अन्तर्गत बरियारी पैलानी तहसील अन्तर्गत बेँदा , साँडी(60) व खप्टिहा की 356/1 खदानों की खनिज विभाग में पकड़ मजबूत है। जिसके कारण खनिज विभाग की कार्यशैली से मरौली खण्ड पांच बरियारी बेँदा साँडी(60) 356/1 खप्टिहा आदि खदानों के खनन कारोबारी बेलगाम होकर एनजीटी शर्तों व खनन परिवहन नियमों को तार-तार कर करोड़ों रुपए के राजस्व की लूट-खसोट लगातार जारी किए हैं। जिसमें खनिज, परिवहन व राजस्व विभाग की मौन सहमति से दिनों दिन जल संसाधनों, नदियों , जलीय जीवों,व वनों को इस बेतहाशा खनन से उनके अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। मौजूदा स्थिति नदियों में अधिक गहराई तक खुदाई होने से जलस्तर गिरता जा रहा है व जलधारा भी जगह जगह पर टूट रही है। इस ब्यापार से होने वाली अवैध धनवर्षा में अपनी उपयोगिता के अनुसार भागीदारी में कहीं चूक ना हो जाएं इसलिए सबकुछ जानकर धृतराष्ट्र की तरह दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। मरौली खंड 5 बरियारी बेँदा साँडी(60) 356/1 खप्टिहा खदान में खनिज अधिकारी व दोयम दर्जा अधिकारी सबकुछ देख कर भी कार्यवाही से भागता नजर आ रहा है । कहीं उनकी कागज़ी कार्यवाही से मिलीभगत के राज ना बेपर्दा हो जाएं। इसीलिए खदानों में लगातार बेधड़क नियमों के विपरीत हैवीवेट मशीनरी से जारी खनन व ओवरलोडिंग को रोकने की हिम्मत अफसर नहीं जुटा पा रहे है। इसलिए खनिज अधिकारी को कोई भी एनजीटी शर्तों व ओवरलोडिंग का उलंघन नहीं दिखाई दे रहा है। जिसके कारण आने वाले भविष्य में इन क्षेत्रों के ग्रामीण किसान व मजदूरों को अपने जीवन यापन के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ेगी। वहीं इस काले कारोबार में एक मीडिया ठेकेदार की चर्चा भी चाक चौराहों पर सुर्खियों में बनी रहती है। जो इस लूट खसोट में हिस्सेदारी बनाने के लिए कुछ पुराने कलमकारों के आंफिस में बैठक कर धीमें से किसी संस्थान में नया नवेला ख़बरनवीस बन कर खदानों खदानों मीडिया ठेकेदार बन गया और लाखों रुपए प्रति माह वसूली करने में जुट गया । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये बहरुपिया जो कल तक एक ट्रेक्टर एजेंसी मे चायपानी ढोने के लिए कार्यरत था आज खननकारोबारियो से साँठगाँठ कर खदान सँचालको से मोटी रकम वसूलकर कुछ बिकाऊ पत्तलकारो की सेटिंग कर सब कुछ आल इज वेल करने का दम भरने का मायाजाल बना कर मालामाल हो रहा है और लगातार पत्रकारिता को बदनाम कर रहा है।
