विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम के तहत साल में दो चरणों में पिलाई जाती है दवा
नौ माह से पाँच साल के कुल 3.25 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने का लक्ष्य
विटामिन ए की दवा रतौंधी, अन्धेपन, कुपोषण से है बचाती
रायबरेली, 26 जून 2024
विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम के तहत नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को साल में दो बार विटामिन ए की दवा पिलायी जाती है। बुधवार को कार्यक्रम का पहला चरण शुरू हुआ जिसका शुभारम्भ जिला महिला अपस्ताल के प्रसव पश्चात केंद्र में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. निर्मला साहू ने बच्चे को दवा पिलाकर किया।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि नौ माह से पाँच साल तक की आयु के बच्चों को छह-छह माह के अन्तराल पर विटामिन ए की दवा पिलायी जाती है। बच्चों को विटामिन ए की दवा जरूर पिलायें दवा बच्चों को रतौंधी, अंधेपन, दस्त और निमोनिया जैसी परिस्थितियों से तो बचाती है साथ ही कुपोषण से भी बचाव करती है। इसके साथ ही रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि करती है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण कुमार वर्मा ने कहा कि बुधवार से शुरू हुआ यह चरण 25 जुलाई तक चलेगा। अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से दवा पिलाई जाएगी। इस दौरान नौ माह से पांच साल तक के कुल 3.25 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने का लक्ष्य है। जिसमे नौ से 12 माह के 37,056 बच्चे, एक से दो साल के 70,114 बच्चे और दो से पाँच साल तक की आयु के 2.17 लाख बच्चे हैं। विटामिन ए की खुराक हर छह-छह माह पर अभियान चलाकर पिलाई जाती है।
विटामिन ए की दवा पिलाने के साथ ही पीले, लाल और हरे फलों तथा सब्जियों का सेवन बच्चों को कराना सुनिश्चित करें क्योंकि इनमें प्राकृतिक रूप से विटामिन ए की दवा पिलाई जाती है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी एस अस्थाना ने बताया बच्चों को विटामिन ए की खुराक देने से शरीर की एपिथीलियल लेयर मजबूत होती है। यह परत हर बच्चे के रेस्पेरेटरी ट्रैक यानि श्वसन तंत्र में भी होती है। उन्होंने बताया कि यदि बच्चे के रेस्पेरेटरी ट्रैक की एपिथीलियल लेयर मजबूत रहेगी तो इसमें संक्रमण की संभावना कम होती है। साथ ही बैक्टीरिया व वायरस के श्वसन तंत्र से भीतर जाने की गुंजाइश भी काफी कम हो जाती है।
इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीएचसी का निरीक्षण भी किया। वह पीएचसी की व्यवस्थाओं से संतुष्ट दिखे। उन्होंने कहा कि जो भी लाभार्थी स्वास्थ्य केंद्र पर आये उसे स्वास्थ्य सेवाएं देना सुनिश्चित करें एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाओं की जानकारी दें।
इस मौके शहरी क्षेत्र के नोडल अधिकारी डा राकेश यादव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अंजली सिंह, डा सी लाल एसएमओ who, संध्या श्रीवास्तव, वन्दना त्रिपाठी डीएमसी यूनिसेफ, शाहाना जमीर, अमरेश त्रिपाठी, वीरेंद्र यादव, आदि केंद्र के अन्य कर्मचारी एवं लाभार्थी मौजूद रहे।
