नमक वाला हाजमा चूर्ण कर रहा हैं आंतों को हमेशा के लिए बीमार : डॉ. लियाकत अली मंसूरी
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क्रमाकुंचन ( पेरिस्टलसिस ) क्या है__
यह एक प्रकार की अनैच्छिक मांसपेशी गति है जो पाचन तंत्र में होती है । यह गति खाना निगलने से ही शुरू होकर गुदा तक होती हैं । यह पूरे जठरांत्र मार्ग में भोजन और तरल पदार्थों को ले जाने व फैलाने का कार्य करती रहती है। पूरा आहार नाल मार्ग मांसपेशियों और तंत्रिकाओं से घिरा होता है। जब भोजन या तरल पदार्थ जीआई ट्रैक्ट में प्रवेश करता हैं, तो तंत्रिकाएं लहर जैसी संकुचन की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए मांसपेशियों को ट्रिगर करती हैं। ये मांसपेशियां संकुचन स्वचालित रूप से भोजन और तरल पदार्थ को तब तक आगे बढ़ाते हैं जब तक कि वे गुदा से बाहर निकलने तक नहीं पहुंच जाते । एक अन्य प्रकार की विभाजन गति भी अनैच्छिक मांसपेशी गति है जो पाचन तंत्र में ही होती है। विभाजन मुख्य रूप से आंतों में होती है। यह विभाजन प्रकार की गति आंतों में वृत्ताकार मांसपेशियों को सक्रिय करती है जो भोजन को आगे और पीछे ले जाने के लिए सिकोड़ता हैं, कुछ हद तक वाशिंग मशीन के मंथन की तरह कार्य करता हैं । यह मंथन आंतों में भोजन को गैस्ट्रिक जूस के साथ मिलाने का मौका देता है और पाचन के लिए इसे छोटे टुकड़ों में तोड़ने में मदद करता है । बाद में विभाजन आहारनाल पथ के माध्यम से भोजन की प्रगति को कुछ हद तक धीमा कर देता है , जबकि क्रमाकुंचन जीआईटी में होती हैं और भोजन को आगे की ओर धीरे-धीरे साथ ले जाना जारी रखती है । इन सब के लिए आंतों का चिकना होना जरूरी है ताकि आंतें आसानी से गति करके उसे धकेल सकने में सक्षम रहें ।
👉पेरिस्टलसिस के फायदें __
पेरिस्टलसिस पाचन को संभव व आसान बनाता है । यह पाचन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण के माध्यम से भोजन और तरल पदार्थ को आगे स्थानांतरित करता है।
इस क्रमाकुंचन के बिना, हम न तो खा सकते थे और न ही शौच कर सकते थे । पेरिस्टलसिस की धीमी लेकिन स्थिर प्रगति पाचन स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है । यह शरीर को पाचन के लिए भोजन को तोड़ने और रास्ते में पोषक तत्वों को अवशोषित करने का समय देती है । लेकिन यह जमा हुए बैक्टीरिया और अपशिष्ट उत्पादों को समय पर साफ करने के लिए भी जिम्मेदार है। यदि क्रमाकुंचन पाचन के लिए पर्याप्त समय नहीं लेता है , या यदि मार्ग को साफ करने में बहुत अधिक समय लगता है , तो अन्य पाचन कार्य रास्ते में टूटने लगते हैं । जब पाचन तंत्र खाली होता है, जैसे कि रात में सोते समय , क्रमाकुंचन अतिरिक्त अवशेषों को साफ करना जारी रखता है।
आंतों में मांसपेशियों की गतिविधियां अक्सर लहर की तरह है क्योंकि वे भोजन को आगे बढ़ने के लिए एक सतत पैटर्न में अनुबंध और आराम करते हैं। वे दोनों ।वृत्ताकार मांसपेशियों को शामिल करते हैं जो आपके पाचन तंत्र की नलियों को घेरती हैं और अनुदैर्ध्य मांसपेशियां जो ट्यूब की दीवारों को फैलाती हैं। ट्यूब के माध्यम से भोजन को धकेलने के लिए वृत्ताकार मांसपेशियां एक सिंक्रनाइज़ तरीके से सिकुड़ती और फैलती हैं जबकि अनुदैर्ध्य मांसपेशियां सब कुछ आगे बढ़ाती हैं। अंत में, कचरे को बाहर धकेलने में केवल कुछ संकुचन होते हैं।
क्रमाकुंचन में कमी के कारण __
पोषक तत्वों की कमी , ज्यादा नमक वाले चूर्ण और ज्यादा इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन से आंतों की चिकनाहट धीरे धीरे खत्म होने लगती हैं जिससे आंतों की लचीलापन समाप्त होने लगती हैं । इसी तरह नमक वाले चूर्ण आंतों की चिकनाहट को धीरे धीरे कम करता जाता हैं और आंतों को छील भी देता हैं जिसके परिणामस्वरूप आंतों की गति में अवरोध पैदा होने लगता हैं । अगर इन आंतों में चिकनाहट नहीं होती हैं तो इन आंतों में क्रमाकुंचन होने में कठिनाई होने लगेगी । जिसके परिणामस्वरूप आंतें गति या तो बहुत धीरे धीरे या बिलकुल गति नहीं करेगी ऐसे में कब्ज की शिकायत होने लगेगी । यहां तक कि आंतों में भयानक सुद्दे जमा हो कर आंतें जाम हो जाती हैं जो गुठलियों की आकृति में ठोस हो जाती हैं जिन्हें एनिमा देकर निकाला जाता है या पानी की पिचकारी से या अंगुलियों से खींच कर निकाला जाता हैं ।
👉स्वस्थ क्रमाकुंचन बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली की निम्न आदतें बनाए रखें __
(1) नियमित रहने के लिए दिन में कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें ।
(2) पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं कम से कम दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए ।
(3) कुछ फाइबर खाएं जैसे _ साबुत अनाज, फल और सब्जियां ।
(4) इसभगोल की भूसी का ज्यादा इस्तेमाल करें ।
👉प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ कम करें :__
उच्च वसा सामग्री और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट धीमी गति से पाचन करते हैं । साथ ही ज्यादा नमक वाली चीजें बन्द कर दें।
डॉ. लियाकत अली मंसूरी
(न्यूरो यूनानी चिकित्सक एवं हिजामा स्पेशियलिस्ट )
गवर्नमेंट यूनानी डिस्पेंसरी
देवली, टोंक ( राज.)