जीवन में मरीजों की सेवा ही इन नर्सों की प्राथमिकता:अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर सेवाभावी नर्सों की भूमिका की सीएमओ ने की प्रशंसा
आगरा। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर नर्सों के योगदान की सराहना की गई। धरती पर ये नर्सें सेवा की जीती जागती प्रतिमूर्ति हैं। आगरा में कई नर्सों ने अपने परिवार को पीछे छोड़ मरीजों की सेवा को प्राथमिकता दी। कोविड काल में भी आगरा की स्टाफ नर्सें फ्रंटलाइन में रहीं। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि हर साल 12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटेंगल को जन्मदिवस पर अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। उन्हें ‘द लेडी विद द लैंप’ के नाम से भी जाना जाता है। आज अंतराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाते हुए स्वास्थ्य विभाग में नर्सों के हेल्थकेयर में योगदान को उजागर किया जा रहा है। सीएमओ ने सेवाभावी नर्सों के योगदान की प्रशंसा की है। वहीं आईएमए सचिव पंकज नगाइच ने नर्सिंग डे पर नर्सों को बधाई दी।
जिला महिला अस्पताल के प्रसव कक्ष की सिस्टर इंचार्ज मंजुला मोर ने बताया कि प्रसव कक्ष में हम हमेशा कठिन समय से गुजरते हैं। प्रसव के एक मिनट के भीतर ही बच्चा यदि रोया नहीं तो उसे तुरंत वार्मर पर रखकर सप्शन मशीन से उसकी सांस नली साफ करनी होती है। कई बार तो हम अपने मुंह से बच्चे की सांस नली साफ करते हैं। यह मिनट बच्चे लिए गोल्डन मिनट होता है। मंजुला ने बताया कि वह 15 साल से इसी प्रक्रिया से रोज हजारों बच्चों की जान बचा चुकी हैं।
एसएन मेडिकल कॉलेज की एमसीएच विंग स्थित स्त्री रोग विभाग में तैनात सिस्टर प्रतिभा ने बताया कि मरीज को वह परिवार के सदस्य के रूप में देखती हैं, और इसी सेवाभाव से डॉक्टरों के साथ उनके ट्रीटमेंट में मदद करती हैं। कोविड के समय अपने 2 साल के बच्चे को छोड़कर उन्होंने ड्यूटी करने जाती थीं। बच्चे रोता था लेकिन उन्होंने मरीजों को पहली प्राथमिकता दी।