नवनिर्वाचित मेयर बोलीं, आगरा में नहीं रहेगा पानी का संकट
हेमलता दिवाकर ने विधायक रहते हुए गांवों में लगवाए थे पानी के एटीएम
आगरा। आगरा की नवनिर्वाचित मेयर हेमलता दिवाकर ने शहर की पेयजल समस्या को चुनौती के रूप में लिया है। उन्होंने कहा है कि विधायक रहते हुए उन्होंने आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में पानी के एटीएम लगवाए थे। लोगों के घरों में गंगाजल पहुंचाया था। अब आगरा शहर में भी पेयजल की समस्या को दूर करेंगीं। मेयर हेमलता दिवाकर ने कहना कि आगरा और उसके आसपास भूमिगत जल फ्लोराइड से भरा हुआ है। आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र भी शहर सीमा से सटा हुआ है। वहां भी पेयजल सबसे बड़ी समस्या है। पानी की समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने ओवरहैड टैंक लगाकर गांवों में पानी सुविधा कराई थी। इसी तरह शहर में जहां भी पानी की समस्या होगी, उसे दूर करने के लिए पूरी कोशिश करेंगी।
जीत के लिए उन्होंने शहर की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि लोगों को भाजपा की नीति पर भरोसा है। पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा दी गई योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है। उसी का नतीजा है कि आगरा में 7वीं बार नगर निगम में मेयर की सीट पर भाजपा को जीत मिली है। वह कार्यकर्ताओं के भरोसे को कायम रखेंगी।
आगरा को मिली तीसरी महिला मेयर
आगरा को तीसरी बार महिला मेयर मिली है। इससे पहले कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य आगरा की मेयर रह चुकी हैं। उसके बाद वर्तमान में हाथरस से विधायक अंजुला सिंह माहौर आगरा की मेयर चुनी गईं थीं। इस बार हेमलता दिवाकर को मेयर चुना गया है।
संयोग की बात यह कि तीनों बार आगरा में दलित परिवार की महिला मेयर बनी हैं। आगरा में यमुनापार समेत नई आबादी वाले क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या है। यहां टैंकरों से पानी सप्लाई होता है। कई इलाकों में लोग सुबह से लेकर शाम तक पानी का इंतजाम करने में ही जुटे रहते हैं।
पूर्व मेयर ने भी किए थे वायदे
पिछली बार उद्यमी नवीन जैन को आगरा की जनता ने मेयर चुना था। उन्होंने भी मेयर पर बनने कई वायदे किए थे। 5 वर्ष तक उनके कार्यकाल में आगरा में कई महत्वपूर्ण विकास हुए। खासतौर से उनके समय में शहर में महापुरुषों की मूर्तियां रिकॉर्ड स्तर पर स्थापित हुईं।
तिरंगा लाइटें, शौचालयों का निर्माण, शहर में बड़े पैमान पर सीसीटीवी, बाजारों में सुबह की जगह शाम को सफाई व्यवस्था आदि सराहनीय कार्य किए गए। इस बार आगरा मेयर सीट दलित महिला के लिए आरक्षित हो गई।
हालांकि कुछ काम उनके अधूरे पडे़ हैं, जिनमें कमलानगर मार्केट को आदर्श मार्केट बनाने काम अभी चल रहा है। शहर की सड़कें पूरी तरह गड्ढा मुक्त नहीं हो सकीं। उनके समय में पॉश इलाकों में काम ज्यादा हुए।