यौन शोषण के पंजीकृत प्रकरण में पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
प्रभारी निरीक्षक एत्माद्दौला द्वारा पेंडिंग में बताएं 250 से अधिक मामले
अपनी जिम्मेदारी से दूरी बनाते नजर आए प्रभारी निरीक्षक एत्माद्दौला
आगरा। कमिश्नरेट थाना एत्माद्दौला क्षेत्र में यौन शोषण का मामला संज्ञान में आया है दिनांक 8/4/2023 को सरकारी नौकरी, शादी का झांसा देकर यौन शोषण का मामला संज्ञान में आया है
वादिया द्वारा थाना एत्माद्दौला आगरा में लिखाई गए अभियोग में 0300-176/2023 धारा 376,328,313,323,506,507,120 वी आईपीसी की धारा के तहत 161व164 के बयानों के बावजूद आरोपी पुलिस की पकड़ से काफी दूर है आरोपी द्वारा वादिया पर मुकदमा वापसी का दबाव बनाया जा रहा है क्योंकि आरोपी तीरथ सिंह पुत्र हंसराज निवासी आवास विकास कॉलोनी सेक्टर नंबर 5 मकान नंबर 371 सिकंदरा आगरा में अपने बहनोई नरेंद्र सिंह जो कि थाना छर्रा जनपद अलीगढ़ मैं उपनिरीक्षक है के सहयोग से यह घटना गठित की गई। वादिया द्वारा बताया गया है कि तीरथ सिंह तकरीबन 15 सोलह लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका है पुलिस ने ऐसे शातिर अभियुक्त को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है पुलिस मामले को लेकर किसी सत्ता पक्ष के नेता के दबाव में आकर आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। थाना हाजा पुलिस उल्टा वादिया को धमका कर भगा देती है। पुलिस के इस रवैया से पीड़िता भयभीत है वादिया द्वारा आरोपी के बहनोई नरेंद्र सिंह उपनिरीक्षक पंजीकृत अभियोग को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं आरोपी तीरथ सिंह सिंचाई विभाग में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है। सत्ता पक्ष के दबाव के कारण आरोपी तीरथ सिंह खुलेआम घूम रहा है पुलिस उस पर ना जाने क्यों हाथ नहीं डाल रही है और वादिया द्वारा पुलिस पर मिली-जुली भगत का इल्जाम लगाया है। वादिया ने न्याय पाने के लिए पुलिस कमिश्नर के यहां प्रार्थना पत्र में अपनी बीती व्यथा का बयान किया है वैसे तो योगी सरकार नारी सशक्तिकरण वह सम्मान की बात करती है आखिर सवाल उठता है कि क्या योगीराज में महिलाएं सुरक्षित हैं