श्रीमद् भागवत कथा में आज धुर्व की कथा का रस पान कराया
मथुरा।फरह क्षेत्र के गांव जमालपुर में श्रीमद् भागवत कथा का तीसरे दिन धुर्व महाराज की कथा श्रवण कराई। इसमें व्यास जगदीश प्रसाद शर्मा ने कहा कि हमारे जीवन में सभी देवताओं का वास है क्योंकि जब मनुष्य जन्म लेता है तो भगवान श्रीकृष्ण को याद कर वचन कहता है कि हे प्रभु में जीवन भर आप का भजन कर करूंगा। लेकिन इस पृथ्वी लोक पर आ कर माया में भगवान को भूलकर जीवन भर पैसा कमाने में और माया जाल में फंस जाता है और भगवान श्रीकृष्ण का रस पान नहीं लेता है व्यास जगदीश प्रसाद शर्मा ने कहा कि धुर्व महाराज चार साल की उम्र में ही भगवान श्री विष्णु के भजन के लिए घर वार छोड़ कर वन में चले गए और वन में देवर्षि नारद जी महाराज को गुरु बना कर भक्ति में लीन हो गए। कुछ दिन फल फूल गृहण किये, कुछ दिन बाद पत्ते खाये तथा कुछ दिन बाद पत्ते खाना भी बंद कर दिया पीना पीकर भजन किया व कुछ दिन बाद पीनी पीना भी छोड़ दिया हवा से जीवित रहे तथा सभी देवताओं में खलबली मचा गई और श्री विष्णु भगवान के पास बैकुंठ धाम में पहुंचे। सभी देवताओं की आराधना से भगवान श्री विष्णु ने कहा कि मैं भक्त ध्रुव के पास जाकर उसको बरदान देता हूं।जब भगवान श्री विष्णु ध्रुव के पास पृथ्वी लोक पर आये और उस दर्शन दिये। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से जीवन के सारे दुःख दर्द मिट जाते हैं। तथा संत धर्म दास महाराज का शास्त्री जगदीश प्रसाद शर्मा ने सम्मान किया।