मासिक धर्म पर शर्माने की बजाय करे खुलकर बात*
*जागरूकता रैली में सैकड़ों छात्राएं हुई शामिल, कहा -‘ये शर्म नहीं वरदान है’*
आगरा। मासिक धर्म के संबंध में कुरीतियों की समस्या सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी कहीं-कहीं देखी जाती है। इन्हें दूर करने की आवश्यकता है। मासिक धर्म एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है इस पर शर्माने की बजाय खुलकर बात करनी चाहिए। ये कहना था विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के मौके पर एक पहल बी.आर. मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य वक्ता शीतल अग्रवाल का। एक पहल संस्था ने रविवार को जागरूकता रैली और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया।
संस्था संरक्षक साध्वी खन्ना और सरोज प्रशांत ने माहवारी के समय अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए उनके खान-पान में सुधार व योगासन को अपनाने बारे प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओ से कहा कि माहवारी के दिनों में जरा सी लापरवाही तमाम संक्रमण एवं बीमारियों का कारण बन सकती है।
महासचिव मनीष राय ने कहा कि रैली में सैकड़ों छात्राएं मासिक धर्म जागरूकता के लिए हाथों में तख्तियां थामे माहवारी जागरूकता के नारे लगा कर महिलाओं को प्रेरित किया। जागरूकता रैली में निःशुल्क सेनेटरी पैड वितरित कर मासिक धर्म के संबंध में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के संकल्प को घर-घर पहुंचाने की अपील की। यह जागरूकता रैली एक पहल पाठशाला से शुरू होकर आसपास के गाँवो में भ्रमण कर पुनः एक पहल पाठशाला पर समाप्त हुई।
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*हर माह 1500 सेनेटरी पैड का होगा निःशुल्क वितरण*
अध्यक्ष डॉ. ईभा गर्ग ने कहा कि विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस पर मासिक धर्म से संबंधित कुरीतियों को खत्म करने के लिए जागरूकता संदेश दिया। संस्था द्वारा मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड की आदत डालने के उद्देश्य से दयालबाग के 10 गाँवो में प्रतिमाह पंद्रह सौ सेनेटरी पैड कर निःशुल्क वितरण किया जायेगा। रैली में मौजूद छात्रों ने कहा कि माहवारी शर्म नहीं वरदान है’। इस अवसर पर अंकित, जाग्रति, बृंदा, नीलम, अश्लेष आदि मौजूद रहे।