आगरा में बंदरों के आतंक पर लगेगा ब्रेक,नगर निगम ने मई माह में पकड़े 1669 बंदर
आगरा। आगरा में बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बंदरों के आतंक को कम करने के लिए नगर निगम ने अभियान चला रखा है। मई के महीने में नगर निगम की टीम ने 12 से अधिक स्थानों से 1669 बंदरों को पकड़ा है। इसके बाद बंदरों को वन्य क्षेत्र में छोड़ा गया। रविवार 4 जून से एसएन मेडिकल कॉलेज में भी बंदरों का पकड़ने का अभियान शुरू हुआ। बंदरों के हमले बढ़ने से लोग परेशान हैं। बंदरों के हमले में अब तक कई लोगों की जान भी ले चुके हैं। बंदरों के आतंक से परेशान लोग राहत पाने के लिए हाईकोर्ट तक गुहार लगा चुके हैं। बंदरों के हमले के डर से कई लोगों की जान तो छतों से गिरने की वजह से जा चुकी है। बंदरों के हमले से जिला अस्पताल, एसएन मेडिकल कॉलेज में तीमारदार परेशान हैं। बंदर दवाएं और खाने-पीने की थैली को झपट्टा मारकर छीन ले जाते हैं। कीमती दवाएं छीनकर ले जाने से लोगों का काफी नुकसान होता है। वहीं कलेक्ट्रेट में फरियाद लेकर पहुंचने वाले लोग तथा अधिकारी बंदरों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं। शिक्षण संस्थानों में बंदर छात्र-छात्राओं के लंच बॉक्स तक छीन ले जाते हैं। जिला अस्पताल की एसआईसी डॉ. अनीता शर्मा ने बताया कि बंदर बाइट के रोजाना 10 से 15 केस पहुंचते हैं। कई बार यह संख्या 20 तक पहुंच जाती है। नगर निगम की टीम ने जिला अस्पताल से 300 बंदर पकड़े हैं। इससे यहां आने वाले मरीजों और तीमारदारों को कुछ हद तक राहत मिल गई है। ताजमहल से करीब 150 बंदर पकड़कर उन्हें शहर से बाहर वन्य क्षेत्र में छोड़ा गया है। आगरा किला से 121 बंदर पकड़े गए हैं। नुनिहाई इंडस्ट्रियल एरिया से 350 बंदर पकड़े गए हैं। पालीवाल पार्क में मॉर्निग वॉकर्स परेशान थे, यहां से करीब 107 बंदर पकड़े गए हैं। राजामंडी रेलवे स्टेशन से करीब 175 बंदरों को पकड़ा गया है। कलेक्ट्रेट, लोहामंडी पुलिस स्टेशन, आगरा फोर्ट स्टेशन से भी बंदर पकड़े गए हैं। नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 की गणना के अनुसार शहर में करीब 10 हजार बंदर थे। पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या में और बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि शहर में अभियान के दौरान प्रथम चरण में उन क्षेत्रों को फोकस किया जा रहा है, जहां स्कूल-कॉलेज हैं। हॉस्पिटल के अलावा रेलवे स्टेशनों, कलेक्ट्रेट पर अभियान चलाकर बंदर पकड़े जा रहे हैं। इसके बाद मोहल्लों और कॉलोनियों में भी अभियान चलाया जाएगा।