जय हिंद साथियों मेरा नाम गुल चमन शेरवानी है मैं हाथरस
जनपद के सादाबाद नगर का रहने वाला हूं मुझे वंदे मातरम तथा तिरंगा प्रेम के चलते 9 वर्ष की उम्र में परिजनों ने 27 जनवरी 1993 को घर से निकाल दिया था उस समय में श्री राम शरण दास जूनियर हाई स्कूल सुभाष गली सादा बाद में कक्षा पांच का छात्र था राष्ट्रगीत वंदे मातरम का विरोध करने वाले दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी सहित देश के 10 बड़े मौलाना पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने की मांग करते हुए भारत माता की प्रतिमा दीवानी चौराहा आगरा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल 14 अगस्त 2006 से शुरू की थी तो मेरे परिजनों ने लिखित में मुझे खानदानी संपत्ति से परिवार से बेदखल कर दिया मुस्लिम समाज ने मुझे काफिर करार दे दिया मेरी बचपन की दोस्त मंगेतर ने मुझसे शादी करने से इनकार कर दिया देशभर के साथ-साथ मुस्लिम देशों में भी मेरे पुतले फुके गए मामला बढ़ते देख शासन ने भी अपने द्वारा राष्ट्रगीत वंदे मातरम की अनिवार्यता को वापस ले लिया आनन फानन में प्रशासन ने मुझे जबरन भूख हड़ताल से हटाया उस समय मैंने शपथ ली कि जब तक मौलाना ऊपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा कायम नहीं होता मैं अंधेरा नहीं करूंगा 16 वर्ष से भी अधिक समय बीत गया है और मैंने आज तक अन्य ग्रहण नहीं किया है मुस्लिम कट्टरपंथी मेरी जान के दुश्मन बने हुए हैं किसी भी वक्त मेरी और मेरे राष्ट्रवादी मुस्लिम तिरंगा परिवार की हत्या की जा सकती है मैं चाहता हूं कि आप मेरे मामले को लोगों तक पहुंचाने में मेरा सहयोग करें मेरे बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यूट्यूब गूगल पर सर्च करें गुल चमन शेरवानी और देखें मेरी वतन परस्ती की कहानी आज तक की लाइव कार्यक्रम में मुस्लिम देशभक्त बनाम मौलाना अवश्य देखें पसंद आए तो ही लाइक करें आपसे अनुरोध है कि इस पोस्ट को अपने सभी व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर दें जिससे कि मामला अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके और मेरी मौत पर कम से कम श्रद्धांजलि अर्पित करके कट्टरपंथियों के मुंह पर जोरदार तमाचा दे सकें निवेदक गुल चमन शेरवानी देशभक्त आगरा : 94 10000 628