* बाइक व साइकिल से होती है खाद तस्करी
सरताज आलम
शोहरतगढ़़/सिद्धार्थनगर
यूरिया खाद की जरूरत धान की रोपाई व सिंचाई के बाद पड़ेगी. लेकिन नेपाल सीमा पर इसकी तस्करी अभी से शुरू हो चुकी है। 10 दिन के अंदर सीमा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर एसएसबी की कार्रवाई में 300 बोरी से अधिक यूरिया खाद पकड़ी जा चुकी है। दुकान पर ई-पॉस मशीन से खाद बिक्री होने के बावजूद यूरिया की तस्करी हो रही है। इससे साबित होता है कि तस्कर दो माह बाद जरूरत के समय किसानों को महंगे दाम में यूरिया उपलब्ध कराने की तैयारी अभी से करने में लग गये है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान की रोपाई के बाद यूरिया की कमी का संकट किसानों के समक्ष होगा। साधन सहकारी समितियों व बाजारों में यूरिया नहीं मिल पाने के कारण किसान परेशान है। उन्हें निजी दुकानों पर महंगे दाम पर खाद लेनी पड़ रही है। ये बात अलग है कि अधिकारी दावा कर रहे है कि जिले में खाद की कोई समस्या नहीं है। शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र में यूरिया खाद की तस्करी जोरों पर है। तुलसियापुर चौराहे की निजी चार से पांच दुकानों पर तस्करों को आसानी से खाद मिल जा रही है। किसानों के मुताबिक रोपाई के बाद यूरिया के लिए यह मारा-मारा फिरता है। लेकिन खाद आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती है। वर्तमान में सहकारी समितियों व किसान सेवा केन्द्रों पर भी किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है। धान की रोपाई के बाद जब भी यूरिया की आवश्यकता तो समय बाजार से यूरिया नदारद रहती है। यही नहीं जहां यूरिया रहती भी है यहां किसानों से 450 से 550 रुपये प्रति बोरी मांगा जाता है। क्षेत्र के तुलसियापुर झुलनीपुर कठेला, केवटलिया चौराहे, बोई चौराहा, छोड़कर चौराहा, पल्टादेवी, बर्डपुर की दुकानों पर दुकानदार यूरिया खाद अधिक दामों पर बेचते हैं। किसानों ने डीएम, एसपी व जिला कृषि अधिकारी से यूरिया की तस्करी पर रोक लगाने की मांग की है। इस बारे में पुलिस का कहना है कि नेपाल सीमा पर स्थित बढ़नी, शोहरतगढ़़, खुनुवां, कपिलवस्तु, ककरहवा व दोदरी कस्बा और उसके आस-पास एसएसबी खाद की तस्करी करने वालों पर कार्रवाई कर रही है। बीते 10 दिनों में एसएसबी ने सीमा पार करने के दौरान खाद तस्करों पर कार्रवाई करते हुये तीन सौ बोरी खाद बरामद की है। यही स्थानीय पुलिस ने भी सीमा क्षेत्र में खाद की बोरी की चेकिंग कर 50 बोरी से अधिक खाद पकड़ने की कार्रवाई कर रही है। नेपाल सीमा के निकट स्थित खाद दुकानों से दिन-रात खाद की तस्करी होती है। इनमें दुकानदारो की सतता होती है। बढ़नी के तुलसियापुर क्षेत्र समेतरिया, अलीगढ़वा, बर्डपुर, पल्टादेवी के समीप क्षेत्र से तस्कर बाइक पर तीन-तीन यूरिया की बोरियों को लाकर बिना किसी डर के नेपाल से चन्द्रौटा, चाकड़चौड़ा तक चले जाते है। रोजाना साइकिल व बाईक पर यूरिया कर नेपाल की तरफ जाते हुये देखा जा सकता है। पुलिस सहित नेपाल सीमा पर लगी अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से फेल हो रही है। पुलिस दो बार दिन में कुछ बोरी खाद पकड़ सक्रियता दिखाती है। नेपाल में खाद की तस्करी के लिये ज्यादा तौर पर साइकिल का इस्तेमाल किया जाता है। एक साइकिल पर दो से तीन बोरी खाद करने पहुंचाती है। इसके लिये पगड़डियों का इस्तेमाल होता है, जबकि अन्य रास्तों से बाइक से खाद की तस्करी हो रही है।
सीमाई क्षेत्र में खुली खाद की दुकानें :-
पूर्व में तस्करी पर नियंत्रण के लिए नेपाल सीमा के 10 किमी दायरे में खाद के लिये लाइसेंस पर प्रतिबन्ध था लेकिन अब शासन ने सीमा से पांच किमी की दूरी पर खाद ब्रिक्री के लाइसेंस देने के निर्णय लिया है। जिससे सीमावर्ती क्षेत्र से तुलसियापुर व उसके आसपास कई खाद की दुकाने खुल भी गई है, जिनमें से कुछ दुकानदारों को राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है। सीमा क्षेत्र के दुकान से खरीद खाद की नेपाल तस्करी भी हो रही है। स्थानीय
दुकानदार इस तस्करी के माध्यम से प्रतिदिन प्रति बोरी 50 से 100 रुपये का मुनाफा कमा रहे है।
वहीं इस दौरान जिला कृषि अधिकारी सी0पी0 सिंह ने बताया कि तस्करी पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से दुकान पर लगातार छापे की कार्रवाई कर किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाती है। छापे के दौरान उनका रजिस्टर आदि भी मेण्टेन किया जाता है। सीमाई इलाकों में इसका परीक्षण बारीकी से किया जाता है। इसके बाद भी यदि दुकानदार कहीं भी खाद की तस्करी में संलिप्त पाये जायेंगे। उन पर केस दर्ज कराने के साथ अन्य विधिक कार्रवाई की जायेगी।