सरताज आलम
सिद्धार्थनगर
विकास खण्ड डुमरियागंज अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में चल रहे मनरेगा कार्यो को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। ताजा मामला है डुमरियागंज विकास खण्ड के 20 से 25 से अधिक ग्राम पंचायतों का जहां पर कल भी पूरा दिन जमकर बारिश होता रहा और मुसलाधार बर्षा होने के कारण रविवार भी कहीं पर भी कोई कार्य होते हुये नहीं पाया गया। वहीं न ही कहीं कोई श्रमिक दिखाई दियें फिर भी 20 से 25 से अधिक ग्राम रोजगार सेवकों ने नियम कानून को धत्ता बताते हुये खण्ड विकास अधिकारी डुमरियागंज व मुख्य विकास अधिकारी को चुनौती देते हुये भरा श्रमिकों का फर्जी मास्टर रोल और सरकारी धन का जमकर भ्रष्टाचार किया। जबकि किन्हीं कारणों से यदि श्रमिक काम पर नहीं लगे हुये हैं तो पूर्व में जारी किये गये मास्टर रोल को शून्य करने का प्राविधान है और डुमरियागंज विकास खण्ड के दो दर्जन से अधिक रोजगार सेवकों ने ऐसा न करके वरिष्ठ अधिकारियों को चुनौती देते हुये भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दिया। ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि शासकीय धन का किस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है। आखिर किससे इशारे पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जबकि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त करने की दावा करती है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि अत्यधिक बर्षा होने के कारण चारों तरफ पानी ही पानी भरा हुआ है, ऐसे में इस समय मनरेगा द्वारा कहीं कोई भी कार्य नहीं चल रहा है। ग्रामीणों ने जांचकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने व जितने दिनों का फर्जी मास्टर रोल भरा गया है, सभी फर्जी मनरेगा मजदूरों की हाजिरी को शून्य कराने का मांग किया। वहीं इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी के लिये मुख्य विकास अधिकारी को फोन करने पर मुख्य विकास अधिकारी जायेंत कुमार का मोबाइल नहीं लगा पाया। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। देश की जनता के पैसों पर अपनी शौक पूरा करने वाले काले सांप की तरह उस धन पर कुण्डली मारकर बैठने वाले जो भ्रष्टाचार की भट्टी पर अपनी-अपनी रोटियां सेंक रहे हैं, वो सभी सलाखों के पीछे कब जायेंगे?
