हत्या के प्रकरण में पुलिस कर रही है अपनी मनमानी, पीड़िता न्याय के लिए खा रही है दर-दर की ठोकरें 8 माह की गर्भवती महिला हुई बेसहारा – पीड़िता महिला ने डीसीपी पूर्वी जोनके यहां लगाई न्याय की गुहार
आगरा। कमिश्नरेट थाना वाह पुलिस सवालों के घेरे में आई है आपको बता दें कि थाना डौकी क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर की रहने वाली पुष्पा की शादी चौरंगा बेहड थाना वाह करण पुत्र रोहतान सिंह के साथ तकरीबन 13 माह पूर्व हुई थी शादी के कुछ समय बाद ही परिवार में गृह क्लेश शुरू हो गया। पीड़ित पुष्पा का कहना है कि परिवार वालों ने उनके पति करन को घर से निकाल दिया तब हम लोग गुड़गांव में नौकरी कर रहे थे। पीड़िता ने बताया है कि गांव के ग्राम प्रधान व अन्य लोगों का उनके पति पर कर्जा था परिवार वालों ने फोन कर पति को उनका हिस्सा देने के लिए गांव में बुलाया दिनांक 3/7/2023 को करन गुड़गांव से अपने गांव के लिए निकला दिनांक 5/7/2023 को सुबह करन के परिवार वालों का फोन आया कि करन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है कुछ देर बाद ही उक्त घटना को रेल से कटने की बताया सूचना मिलते ही परिवार वाले थाना वाह चौरंगा बीहड़ गांव में पहुंचे पत्नी के पहुंचने से पहले ही परिवार वालों ने करन का दाह संस्कार कर दिया तब जाकर पत्नी को शक हुआ तो वह थाना वाह मैं अपने परिवार वालों के साथ अपने पति की हत्या की रिपोर्ट लिखाने थाना वाह पहुंची लेकिन प्रभारी निरीक्षक वाह द्वारा मामले को रेलवे का बताकर टाल दीया दूसरे दिन परिवार वाले थाने में प्रार्थना पत्र देने के लिए पहुंचे तब भी प्रभारी निरीक्षक ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की मामले की जानकारी करने परिवार वाले आरपीएफ रेलवे थाना परिसर में पहुंचे रेलवे विभाग ने ऐसी कोई घटना से इंकार कर दिया। पीड़िता न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है लेकिन पुलिस उनकी सुनने के लिए तैयार नहीं है वही मीडिया से बातचीत करते हुए ग्राम प्रधान ने बताया है कि उक्त घटना की सूचना पुलिस को लिखित में प्राप्त करा दी गई थी आखिर सवाल उठता है कि करन के शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया क्यों पत्नी की आने से पहले उसके पति के शव को जला दिया गया। पीड़ित पुष्पा ने ग्राम प्रधान व परिवार वालों पर षड्यंत्र के तहत हत्या के आरोप लगाए हैं। वही योगी सरकार नारी सशक्तिकरण का अभियान चला रही है इधर थाना हाजा पुलिस पीड़िता की सुनवाई नहीं कर रही है।