शिवम् सिंह
सिद्धार्थनगर।
ज्ञातव्य हो कि प्रत्येक माह की पहले और तीसरे शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस का आयोजन प्रदेश के सभी जिलों/तहसीलों में किया जाता है। जिसमें जिलाधिकारी संजीव रंजन एवं पुलिस अधीक्षक अमित आनन्द की अध्यक्षता में शोहरतगढ़़ तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुल 54 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ, जिसमें सबसे अधिक 37 राजस्व विभाग से ही सम्बन्धित शिकायत था और शेष 17 प्रार्थना पत्र अन्य विभाग से सम्बन्धित था। जिला स्तरीय राजस्व विभाग के भारी भरकम अधिकारी/कर्मचारी रहने के बावजूद राजस्व विभाग का महज 01 प्रार्थना पत्र को ही निस्तारित किया गया। वहीं तहसील नौगढ़ में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस का आयोजन किया गया था। जिसमें कुल 60 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ। यहां भी राजस्व विभाग का सबसे ज्यादा 40 प्रार्थना पत्र था, जिसमें केवल 01 ही प्रार्थना पत्र का निस्तारण किया गया। वहीं तहसील इटवा में सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस में कुल 22 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ, जिसमें यहां भी सबसे अधिक 14 राजस्व विभाग का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ, जिसमें उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, काननगो एवं दर्जनों लेखपाल के होते हुये एक प्रार्थना पत्र भी निस्तारित नहीं किया गया। वहीं तहसील डुमरियागंज में सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस में कुल 16 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ, जिसमें राजस्व विभाग का सबसे ज्यादा 09 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ, जिसमें 02 प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर दिया गया, शेष 14 लंबित है। इसी तरह बांसी तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस में कुल 46 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ। यहां भी राजस्व विभाग का सबसे अधिक 22 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ, जिसमें केवल 05 प्रार्थना पत्रों का ही निस्तारण किया गया। ज्ञातव्य हो कि जनपद के पाचों तहसीलों में सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस में कुल लगभग 200 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुआ, जिसमें 5 ℅ यानि 11 प्रार्थना पत्रों का ही निस्तारित किया जाना अपने-आप में बहुत बड़ा सवाल पैदा करता है। जनपद में पुलिस व प्रशासन की भारी-भरकम फौज के होते हुये 200 शिकायतों में से महज 11 शिकायतों का निस्तारण कर पाना बड़ा सवाल पैदा करता है। वहीं अब यह सवाल हैं कि क्या जिला/तहसील प्रशासन के पास मैन पावर का आभाव है?, क्या जिला/तहसील प्रशासन के पास समय का आभाव है?, क्या जिला/ तहसील प्रशासन के पास संसाधन का आभाव है?, क्या जिला/तहसील प्रशासन सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस के आयोजनों में रूचि नहीं ले रहा है?, क्या जिला/तहसील प्रशासन को फिल्ड स्तर के कर्मचारियों का सहयोग नहीं मिलता है?
अगर जिला/तहसील प्रशासन के पास प्रयाप्त मात्रा में मैन पावर है, समय का आभाव नहीं है, सम्पूर्ण समाधान दिवस/तहसील दिवस में रुचि लिया जाता है, कर्मचारियों का सहयोग मिल रहा है तो फिर वजह क्या है?