हाथरस । कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता, माता या पिता या विधिक संरक्षक को खोने वाले 19 बच्चों को जिलाधिकारी अर्चना वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र, मा0 विधायिका सदर श्रीमती अंजुला सिंह माहौर व मा0 विधायक सि0राऊ बीरेन्द्र सिंह राणा ने संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट सभागर में लैपटॉप वितरित कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं के अंतर्गत आज जिलाधिकारी अर्चना वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र, मा0 विधायिका सदर श्रीमती अंजुला सिंह माहौर व मा0 विधायक सि0राऊ बीरेन्द्र सिंह राणा ने संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट सभागर में छः माह की दो बच्चियों को बेबी किट प्रदान की।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं के अंतर्गत आज जिलाधिकारी अर्चना वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र, विधायिका सदर श्रीमती अंजुला सिंह माहौर व विधायक सि0राऊ बीरेन्द्र सिंह राणा ने संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट सभागर में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की 9 छात्राओं को एजूकेशन किट व डिक्शनरी प्रदान की।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तहत आज मेमोरियल नामांकन वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र, विधायिका सदर श्रीमती अंजुला सिंह माहौर और नेता सि0राउ बीरेंद्र सिंह राणा ने संयुक्त रूप से कैथोलिक सभागर में केक 11वें जन्मदिन मनाया। जिल जज ने कहा कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड-19) का मुख्य उद्देश्य कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता, माता-पिता या विधिक संरक्षकों को सलाह देने वाले बच्चों के भरण, पोषण, शिक्षा और संरक्षण आर्थिक सहायता प्रदान करना है। शासन की व्यवस्थाएं हर किसी के विकास के लिए हैं और बच्चों के लिए शासन-प्रशासन और परंपराएं, राजनीतिक लोग कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं और समय-समय पर जो भी सरकारी तौर पर शामिल होता है, वह अपने लालचो को साथ रखता है। उन्होंने कहा कि आप लोगों को दिए गए संदेश में बड़ी खुशी हो रही है। लेकिन हम लोग आपके माता-पिता की कमी पूरी तरह से नहीं कर सकते लेकिन हर संभव आपकी सहायता कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है, इसके माध्यम से किस वर्ग के बच्चे की शिक्षा को निरंतर जारी रखा जा सकता है। उन्होंने इस योजना से लाभांवित बच्चों और दर्शनों के लिए उनके दर्शन का आह्वान करते हुए कहा कि यदि आप इस योजना के तहत कोई इस प्रकार का व्यक्ति हैं और उसे लाभ नहीं मिल रहा है तो उसे इस योजना के बारे में बताएं। ताकि ऐसे लोगों को योजना से लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि समाज में धीरे-धीरे बदलाव के तहत बेटी और बेटे को एक समान पद दिया जा रहा है। बेटियां आज के समय में किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। वह लगातार अपनी मेहनत के बल पर नई विचारधाराओं को छू रही हैं। शासन द्वारा संचालित महिला पार्क लाइसेंस का लाभ के लिए प्रशासन प्रावधान हैं। विधायक सि0राउ ने कहा कि मुख्यमंत्री उ0प्र0 की यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। कोविड के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या दोनों को खो दिया है, उनकी सुरक्षा हमारी सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से की जा रही है। इस योजना के माध्यम से बच्चों के भरण पोषण के साथ उच्च शिक्षा ग्रहण करने का प्रस्ताव जारी किया जा रहा है। इसी क्रम में आज इस योजना के तहत अध्यापिकाओं को जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में शिक्षा क्षेत्र में लैपटॉप का अहम योगदान है। सभी बच्चों को मन लगाकर पढ़ें और जीवन में उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रेरित करें। विधायिका सदर श्रीमती अंजुला सिंह माहौर ने कहा कि यशस्वी मुख्यमंत्री यूपीपी की यह व्यक्तिगत सोच है कि बेटे-बेटियों-विद्यार्थियों की मदद कैसे की जाए और उनकी समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए। बेटी और विद्यार्थी- विद्यार्थियों की संभावनाओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री द्वारा यह महत्वाकांक्षी योजना जारी की जा रही है। बेटियां पढ़ें और आगे पढ़ें इसके लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालय में अध्ययनरत लड़कियों को शिक्षा किट प्रदान की गई है, जिससे माध्यम से इलेक्ट्रानिक ऐं अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा इतनी बड़ी ताकत है कि बंद आंखों से देखना फिर सपना देखना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जिन ईसाइयों के जो लैपटॉप प्राप्त हुए हैं उनका उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में ही किया जा सकता है। इसका उपयोग किसी अन्य दिशा में नहीं किया जा सकता। शिक्षा के निरस्त्र माध्यमों को पहचानें और इसके माध्यम से नवीन आयामों को प्राप्त कर जीवन को सफल बनाया जा सकता है। जिला प्रोबेशन अधिकारी सीमा मौर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता, माता या पिता या विधिक संरक्षक से बाहर निकलने वाले बच्चों का पालन-पोषण, पोषण, शिक्षा एवं संरक्षण योजना उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रत्येक बच्चे को 4 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से महिला कल्याण विभाग द्वारा दिया जाता है एवं कोविड 19 से प्रभावित बच्चे (कक्षा 9 या उससे ऊपर की कक्षा में प्रवेश) को योजना का वितरण किया जाता है। इसके तहत आज 19 बच्चों को पीटा गया। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड-19 के तहत बाल देखें- चार्ट में आवास 0 से 18 आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल के लिए 4000 रुपये प्रतिमाह। कस्तूरबा वास्तुशिल्प स्थिरता स्थिरता स्थिरता में बच्चों का प्रवेश। मित्रता को विवाह 1,01, 000 की आर्थिक सहायता। 18 साल तक के बच्चों को लैपटॉप टेबलेट प्राप्त कर रहे हैं। बच्चों की चल-अचल संपत्ति की कानूनी सुरक्षा दी गई है। यदि अभ्यर्थी उच्च शिक्षा ग्रहण करता है तो उसे 23 वर्ष तक की मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) योजना के तहत अधिकतम दो बच्चों को रु 2 हजार पॉच सौ 2500 प्रतिमाह प्रति छात्र या लाभार्थी को पूर्ण करने का लाभ प्रदान किया जाता है। लैपटॉप वितरण के संबंध में दिग्गजों को लैपटॉप प्राप्त होने जैसा महसूस हो रहा है। जिस पर वैज्ञानिक दक्षराज, हितांशी, प्रद्युम्न आदि ने कहा कि हमारे स्कूल में कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है, लेकिन उनके घर पर कंप्यूटर नहीं है। लैपटॉप प्राप्त होने से अब घर पर भी अभ्यास कर सकें और आसानी से सीख सकें। ड्रैगन ने मुख्यमंत्री उ0प्र0, उपस्थित जिला स्मारक और नामांकन को लैपटॉप प्राप्ति और योजना के माध्यम से विशेषाधिकार स्तर तक शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिया जा रहा है। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कक्षा 6 की छात्रा कु0 पूर्वी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी धीरे-धीरे कुमार उपाध्याय, जिला समाज कल्याण अधिकारी जितेंद्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी फ़्लोरिडा गुप्ता, बाल संरक्षण अधिकारी विमल शर्मा कुमार, महिला कल्याण अधिकारी मोनिका गौतम, प्रबंधक वन स्टेयर सेंटर मनीषा भारद्वाज सामाजिक कार्यकर्ती प्रतिष्ठा शर्मा बन्धु मोहित शिवप्रसाद वार्डन कस्तूरबा गांधी गिरजाघर विद्यालय गहरी कुमारी, अतिथि, अभिभावक संरक्षक आदि उपस्थित रहे।
——————————————————————