झांँसी से नेहा श्रीवास के साथ पुष्पेंद्र श्रीवास की रिपोर्ट..
जनता दर्शन के दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों और अभिभावकों को भी किया सतर्क, कैसे बचें की भी दी जानकारी
झाँसी | जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कलेक्ट्रेट में जनता दर्शन के दौरान जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि मानसून का समय चल रहा है और ऐसे मौसम में भारत सरकार पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत मौसम विज्ञान विभाग, मौसम केंद्र ने दो दिवसीय मेघ गर्जन/आकाशीय बिजली एवं तेज हवाओं के साथ बारिश होने की चेतावनी निर्गत की है। ऐसे में आकाशीय बिजली गिरने की संभावना भी क्षेत्रों में बनी रहती है, जिससे जान माल की हानी हो सकती है।
उन्होंने जनता दर्शन के दौरान आए अभिभावक एवं बच्चों से कहा कि आप अपने घरों के आसपास रहने वाले एवं जनमानस को जागरूक करें ताकि वह आकाशीय बिजली से अपना बचाव कर सकें। उन्होंने कहा कि जब आप घरों में हो तो आकाशीय बिजली या वज्रपात होने के समय इन निर्देशों का पालन शत-प्रतिशत करें। उन्होंने बच्चों से शिक्षा के संबंधित बातचीत करते हुए टॉफी वितरित कर उत्साहवर्धन किया।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जनपद वासियों को सुझाव देते हुए कहा कि मेघ गर्जन आकाशीय बिजली कड़कने के दौरान घर में रहें, खिड़कियाँ और दरवाज़े बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें। उन्होंने कहा कि सुरक्षित आश्रय लें, पेड़ों के नीचे आश्रय न लें। कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। बिजली/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करें। इसके अतिरिक्त यदि पानी के अंदर है तो जलस्रोतों से तुरंत बाहर निकलें।
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं।
वाहन चलाने में भी सावधानी बरतें।
उन्होंने कहा कि अचानक आने वाली बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों से दूर रहें। पक्के अथवा सुरक्षित मकानों में आश्रय लें। अस्थायी और असुरक्षित संरचनाओं को ठीक से सुरक्षित किया जाना चाहिए अथवा खाली कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि बिजली की वैकल्पिक योजना बनाई जा सकती है, बिजली उपकरणों, स्विचों, तारों, और टेलीफोन का प्रयोग ना करें। और खिड़की के कांच, टीन की छत, गीले सामानों और लोहे के हैंडलों से दूर रहें। दीवारों के सहारे टेक लगाकर ना खड़े हों, स्नान करना तुरंत रोक दें। आकाशीय बिजली गिरने के समय भारी विद्युत प्रवाह होता है। इसकी परिधि में आने वाले जीवों की मृत्यु तक हो सकती। यदि बिजली के संपर्क में व्यक्ति पहले से ही हो तो खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। यदि व्यक्ति किसी ऊंचे पेड़ के पास खड़ा हो और पेड़ के ऊपर वज्रपात हो जाए तो वज्रपात का प्रभाव बगल से भी हो सकता है।
वज्रपात से जानमाल की व्यापक क्षति होती है। लोगों की जान तक चली जाती है। जो जीवित बचते हैं वह किसी कार्य के लायक नहीं रहते। जैसे आंखों की रोशनी चले जाना, सुनने की क्षमता समाप्त या कम हो जाना इत्यादि। और फूस के घरों में आग लगने की घटना भी बनी रहती है। अतः सभी लोग आकाशीय बिजली या वज्रपात से सतर्क रहें एवं सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें। एवं अपने आसपास के लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने समस्त जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि दामिनी ऐप अपने मोबाइल फोन में अवश्य डाउनलोड कर लें। इस ऐप के माध्यम से वज्रपात की जानकारी पूर्व में और सटीक प्राप्त होगी, जिससे जान माल के नुकसान को हम रोक सकते हैं।