अनिल कुमार गुप्ता
उतरौला(बलरामपुर )
आठ मुहर्रम रेहरा माफ़ी के ईमाम बारगाह मरहूम हसन जाफ़र में एक क़ादिमी मजलिस का आयोजन हुआ मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना मुहम्मद रज़ा आब्दी अकबरपुरी ने कि हमारे रसुल और इमामों ने दीने इस्लाम को तलवार नहीं किरदार से फ़ैलाया,इस्लाम मुहब्बत भाईचारे अम्न और शान्ति का मज़हब है!
कर्बला की जंग सत्य और असत्य हिंसा और अहिंसा के बीच लड़ी गई थी
मौलाना ने अलमदारे हुसैनी हज़रत अब्बास के साहस शौर्य वीरता सब्र का प्रमुखता से वर्णन किया अंत में जब उन्होंने हज़रत अब्बास की शहादत का ज़िक्र किया तो सभी की आंखें नम हो गईं
मजलिस के बाद मेज़बान अंजुमने वफ़ाए अब्बास और मेहमान अंजुमने गुलामे अब्बास पिपरा के सदस्यों ने नौहा ख्वानी और मातम करके ज़हरा के लाल को उनका पुरसा पेश किया
जुलुस हज़रत अब्बास के अलम के हमराह अपने विभिन मार्गों से होता हुआ शिया कब्रिस्तान की ओर चल दिया
इस अवसर पर इरफ़ान हैदर अली अज़हर तौसीफ़ हसन अब्बास जाफ़र तौक़ीर हसन मुहम्मद आलिम मोजिज़ अब्बास अली शहंशाह मुहम्मद आमिर रज़ा अब्बास मुहम्मद सालिम नदीम हैदर यासूब अब्बास शामिल रहे
September 17, 2024