झांँसी से नेहा श्रीवास के साथ पुष्पेंद्र श्रीवास की रिपोर्ट..
झाँसी | डा. ए के सांवल आयोजन अध्यक्ष एवं डा० मनीष जैन, यूरोलाजिस्ट आयोजन सचिव के नेत्तव में क्षयू०एस०आई० केयर के अन्तर्गत एक आपरेशन कार्यशाला का समापन किया गया ।
इसके पूर्व एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें बाहर से आये चिकित्सकों का सम्मान किया गया। जिसमें साहित्य के क्षेत्र में राज कुमार “अंजुम” एवं समाज सेवा के क्षेत्र में डा० प्रदीप श्रीवास्तव का सम्मान किया गया।
डा० ए० के सांवल द्वारा लिखित काव्य संग्रह अंर्तमन का विमोचन भी मुख्य अतिथि डा० एन० एस० सैंगर, विशिष्ट अतिथि सुरेन्द्र सिंह, प्रधान संपादक दैनिक जागरण एवं अन्य अतिथियों द्वारा किया गया। डा० ए० के० सांवल ने कहा कि मन से निकले हुए शब्दों से इस पुस्तक का सृजन हुआ। इसलिए इसका नाम अंर्तमन रखा है। डा० सांवल ने स्वयं के आविष्कार थूलियम लेजर को प्रधानाचार्य डा० सैंगर को मेडिकल कॉलेज में आपरेशन करने हेत समर्पित
किया। विशिष्ट अतिथि सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि इस प्रकार के जटिल आपरेशनों का संपूर्ण भारत के विभिन्न जगहों से आये चिकित्सकों के द्वारा होना, उन मरीजों के लिए वरदान है, जो धनाभाव के कारण झांसी के बाहर नहीं जा सकते ।
मुख्य अतिथि डा० एन० एस० सैंगर ने कहा कि इस प्रकार के आपरेशन कार्यशाला से नवोदित डाक्टरों के ज्ञानोपार्जन में वृद्धि करेगा। समय – समय पर ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए।
डॉ० मनीष जैन, आयोजन सचिव ने कहा कि गत एक माह से आपरेशन हेतु बुन्देलखण्ड के जटिल समस्याओं से ग्रस्त गरीब मरीजों को चिह्नित किया गया। इसमें गरीब मरीजों के ऑपरेशन देश के ख्याति प्राप्त यूरो सर्जनों के द्वारा गये हैं ।
आज पुनः यूरोलाजी के जटिल ऑपरेशनों में लगभग 10 आपरेशन जैसे पी० सी० एन० एल०, आर० आई० आर० एस०, होलेप, यूरोथो प्लास्टी, बी० बी० एफ० के डॉ० केशवमूर्ति आर० बेंगलुरु, डॉ० एस० के० सिंघानिया गुवाहाटी, डॉ० शैलेंद्र गोयल दिल्ली, डॉ० शलभ अग्रवाल दिल्ली, डॉ० संदीप गुप्ता, कोलकाता, डा० ए० के० सांवल, डा० मनीष जैन, डा० जनक राजपूत द्वारा किए गए।
कार्यक्रम का संचालन डा० प्रदीप श्रीवास्तव ने एवं आभार डॉ मनीष जैन ने किया
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ० जनक राजपूत, डा० प्रदीप श्रीवास्तव, डॉ० एस० काकोटी, डॉ० साहिल कपूर, डॉ अनिल जैन, डॉ० मयंक जैन, डॉ० रवि, डा० अंशुल जैन, निदेशक पैरामेडिकल, डा० अलबेल यादव, डा० सचिन माहुर, सी० एम० एस०, डॉ० बरखा, डॉ० संदीप, डॉ० राजेश, सिस्टर इंचार्ज प्रीति सिंह, अर्चना जाटव, संतोष सिंह, शक्ति भारती प्रवीण, सुभाष, आसमां एवं समस्त ओ० टी० स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा ।