झांँसी से नेहा श्रीवास के साथ पुष्पेंद्र श्रीवास की रिपोर्ट..
झाँसी | नगर में एक भी पार्किंग स्थल अस्तित्व में नहीं है। कागजों में पार्किंग स्थल निर्धारित है। इसी की आड़ में पुलिस हर दिन दर्जनों वाहनों का पार्किंग में गाड़ी न खड़ी करने पर ई चालान कर जुर्माना वसूलती है। अब तो चालान से परेशान लोग कहने लगे हैं, चालान काटिए पर पार्किंग का पता तो बता दीजिए जनाब, ताकि ऐसी गलती दोबारा न हो। इसका जवाब पुलिस व प्रशासन के पास नहीं है।नगर में नगर निगम प्रशासन पार्किंग जोन का कोई खाका तैयार नहीं कर सका है। यह अलग बात है कि प्रशासन अब तक दर्जनों बार मौखिक रूप से पार्किंग की व्यवस्था करने का दावा कर चुका है। लेकिन, पार्किंग जोन अबतक अस्तित्व नहीं आ सका। लिहाजा लोग मजबूरन बेतरतीब ढंग से बाजार में वाहनों को खड़ा करने पर मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति में वाहन खड़े करने पर अब यहां की पुलिस को कौन समझाए कि साहब पार्किंग नहीं है तो लोग वाहन यहां वहां खड़ी करेंगे ही, मगर पुलिस इसे समझने को तैयार नहीं है।
वही नगर कि यातायात व्यवस्था चौपट हो गई है, लेकिन न तो जिम्मेवार व्यवस्था सुधारने के निर्देश दे रहे हैं, न यातायात विभाग के अफसर ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने का काम कर रहे। यातायात विभाग चालान काटने में मस्त है और आम जनता बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था से त्रस्त है। नगर में अधिकांश जगह सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है, जिसके कारण जगह-जगह सड़क की खोदाई कर दी गई है। इससे भी यातायात बाधित हो रहा है। इसके बावजूद यातायात विभाग प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक दुरुस्त करने का काम नहीं कर रहा। बस स्टैंड के सामने ट्रैफिक व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। बस स्टैंड से जेल चौराहा तक चौपट व्यवस्था का यही मंज़र देखा जा सकता है। सड़क घेरकर बेतरतीबी से वाहन खड़े किए जा रहे है, लेकिन यातायात विभाग को कोई सरोकार नहीं। दुकानों के सामने बेतरतीबी से वाहनों की पार्किंग से भी ट्रैफिक अस्त व्यस्त है।