झांँसी से नेहा श्रीवास के साथ पुष्पेंद्र श्रीवास की रिपोर्ट..
देश के विकास में वैश्य समाज का विशेष योगदान: डॉ. संदीप
झांँसी राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती के अवसर पर दतिया में चार दिवसीय महोत्सव के प्रथम दिवस पर विशाल बाइक रैली का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झांसी के प्रतिष्ठित समाजसेवी संघर्ष सेवा समिति संस्थापक डॉ. संदीप सरावगी ने बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना। सर्वप्रथम राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती पर श्री नर्मदेश्वर महादेव गहोई वाटिका दतिया में गहोई वैश्य समाज के अध्यक्ष प्रोफेसर आर.पी नीखरा, मंत्री सुमित रावत, बाइक रैली प्रभारी मोहन गुप्ता (बनौली वाले) एवं गहोई वैश्य समाज के समस्त पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी को पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया। इसके पश्चात राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के चित्र पर डॉ. संदीप सरावगी एवं गहोई वैश्य के समस्त पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर नमन किया। इसके पश्चात समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी ने बाइक रैली में सम्मिलित सैकड़ों बाइक सवारों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बाइक रैली के दौरान दतिया के पीतांबरा चौराहा पर डॉ. संदीप सरावगी ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बाइक रैली दतिया के विभिन्न चौराहों से होते हुए वापस अपने गंतव्य पर पहुंची। बाइक रैली के दौरान नगर के लोगों ने पुष्प वर्षा कर बाइक रैली का स्वागत किया। इसके पश्चात श्री नर्मदेश्वर महादेव गहोई वाटिका में गोष्ठी के दौरान डॉ. संदीप सरावगी ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त को नमन करते हुए कहा कि देश के विकास में वैश्य समाज का विशेष योगदान रहा है, युवाओं को एकजुट होकर वैश्य समाज की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही जरुरतमंद परिवारों की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए। देश में आगामी विधानसभा एवं लोकसभा में गहोई वैश्य समाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जिसके लिए समस्त वैश्य समाज के लोगों को एक जुट होने का आव्हान किया। इस अवसर पर अभय गुप्ता (नेता), राकेश गुप्ता, शुभ, प्रियांशु, निखिल, आदित्य, रोहित, प्रिंस, करन, उत्सव, राजेंद्र डेंगरे, आशीष, राहुल एवं संघर्ष सेवा समिति से जिलाध्यक्ष अजय राय, राजू सेन, नीरज सिहोतिये (सभासद, कैंट), राजीव सिंह रजक, त्रिलोक कटारिया सहित अन्य लोग मौजूद रहे। अंत में आभार संतोष कुरेले बंटी द्वारा व्यक्त किया गया।