झांँसी से नेहा श्रीवास के साथ पुष्पेंद्र श्रीवास की रिपोर्ट..
झाँसी।झांसी आर्थोपेडिक क्लब के अध्यक्ष डा. संजय त्रिपाठी एवं सचिव डॉ मयंक बंसल ने संयुक्त रुप से जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल बोन एण्ड ज्वाइंट सप्ताह 2012 से हर साल 4 अगस्त को मनाया जा रहा है। हर साल एक अगस्त से सात अगस्त तक मनाया जाता है, जिसमें पूरे देश में सप्ताह भर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती रही हैं। डा.संजय त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2023 के लिए, इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने ईच वन, ट्रेण्ड वन, सेव वन थीम के रूप में निर्धारित किया है।
इस वर्ष का फोकस भारत में दुर्घटनाओं के कारण होने वाली चोटों और मौतों पर है। सचिव डा.मयंक बंसल ने बताया कि
विश्व सड़क सांख्यिकी 2018 में रिपोर्ट किए गए 49 देशों में से सड़क यातायात दुर्घटना से होने वाली मौतों के मामले में भारत पहले स्थान पर है।
इनमें से कई दुर्घटना पीडितों की जान दुर्घटना के तुरंत बाद उचित प्राथमिक उपचार प्रदान करके बचाई जा सकती है, जिसे कोई भी आम आदमी या पुलिस कर्मी प्रदान सकता है। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है इंडियन ऑपिडिक एसोसिएशन में हमने 1.4 लाख ड्राइवरों, ट्रैफिक पुलिस, छात्र, पुलिस कर्मियों, आम आदमी व प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह प्रशिक्षण पूरे भारत में इंडियन ऑयपिडिक एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा प्रदान किया जाएगा।इसके साथ ही उन्हें हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत कैसे रखा जाए इसके बारे में भी शिक्षित किया जाएगा।
डा.संजय त्रिपाठी ने बताया कि झासी आर्थोपैडिक क्लब के सदस्यों द्वारा स्कूल, पुलिस लाइन, ट्रक ड्राइवर एसोसिएशन, बस स्टैंड, नर्सिंग कॉलेज, समाजसेवी संगठन के सदस्यों का प्रशिक्षण पूरे सप्ताह जारी रहेगा।
डॉ. मयंक बस ने मीडिया व आम जनता से अपील की, की वे इस नोबेल कार्यक्रम में बढ़ चढ़ के हिस्सा है और बुंदेलखंड को सुरक्षित बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें। इस मौके पर डा.अमित सहगल,प्रदीप श्रीवास्तव मौजूद रहे। अंत में डा.अमित सहगल ने सभी का आभार व्यक्त किया।