
* विधायक की शिकायत पर बजहा रामनगर नई नहर में हुई अनियमितिता कि जांच के लिए/मु0वि0अ0 ने गठित की दो सदस्यीय टीम
* विधायक ने कहा कि बजहा-रामनगर से सिंचाई विभाग द्वारा नई नहर के कार्य में ठेकेदार द्वारा हुई अनियमितता की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।
सरताज आलम
सिद्धार्थनगर।
विधायक शोहरतगढ़़ विनय वर्मा द्वारा बजहा-रामनगर नहर से एक नई नहर निकालने के कार्य में सिंचाई विभाग के ठेकेदार द्वारा घोर अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुये जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर को पत्र लिखा था। जिसको मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) जयेन्द्र कुमार ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। विधायक विनय वर्मा ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 04 जुलाई को जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर संजीव रंजन को पत्र भेजकर शिकायत किया कि लगभग 1 से 5 वर्ष पूर्व क्षेत्र के बजहा-रामनगर नहर से एक नई नहर निकालने का टेण्डर सिंचाई विभाग द्वारा निकाला गया था। जिसमें ठेकेदार द्वारा केवल सरिया डालकर कार्य को अधूरा छोड़ना, कार्य में कोई प्रगति न होना व सम्बन्धित विभाग द्वारा कोई जांच नहीं किया गया है, जिससे यह साबित होता है कि सरकारी धन का किस तरह दुरुपयोग होकर बन्दर-बाट किया गया है। इस सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी सिद्धार्थनगर जयेन्द्र कुमार
मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार ने शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा द्वारा जिलाधिकारी को दिये गये सम्बोधित ज्ञापन को संज्ञान में लेते हुये/उक्त कार्य का सभ्बन्धित विभाग द्वारा जांच न करने के सम्बन्ध में (छायाप्रति संलग्न) की स्थलीय, भौतिक जांच हेतु नियमानुसार टीम गठित किया है। जिनमें परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण सिद्धार्थनगर एवं अधिशाषी अभियंता लोकनिर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड सिद्धार्थनगर हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने पत्र में दर्शाया है कि गठित उक्त जांच टीम से यह अपेक्षा की जाती है कि जांच के दौरान स्थलीय (फोटोग्राफ सहित) एवं अभिलेखीय जांचकर मय साक्ष्य सहित आख्या प्राथमिकता के आधार पर एक सप्ताह के अन्दर इस कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। वहीं इस सम्बन्ध में 302 विधायक शोहरतगढ़़ विनय वर्मा ने मीडिया को दिये गये प्रेस नोट के द्वारा बताया कि जांच सही तरीके से होनी चाहिये। किसी भी अधिकारी या ठेकेदार को बचाने का प्रयास नहीं होना चाहिये। इस परियोजना में जिसके द्वारा अनियमितिता हुई है और सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है उस पैसे की रिकवरी किया जायें। जिससे दूसरा व्यक्ति ऐसी कृत्य दुबारा करने से डरें।
